SOLUTIONS
पृष्ठ संख्या: 39
प्रश्न अभ्यास
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
1. विरासत में मिली चीज़ों की बड़ी सँभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
विरासत में मिली चीज़ों की बड़ी सँभाल इसलिए होती है क्योंकि ये वस्तुएँ हमें अपने पूर्वजों की, अपने इतिहास की याद दिलाती हैं। इनसे हमारा भावनात्मक संबंध होता है। इसलिए इन्हें अमूल्य माना जाता है। ये तात्कालिक परिस्थितियों की जानकारी के साथ दिशानिर्देश भी देती हैं।
2. इस कविता से तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर
इस कविता में तोप के विषय में जानकारी मिलती है कि यह अंग्रेज़ों के समय की तोप है। 1857 में इसका प्रयोग शक्तिशाली हथियार के रुप में किया गया था। इसने अनगिनत शूरवीरों, स्वतंत्रता सेनानियों के धज्जे उड़ा दिए थे। लेकिंग आज यह तोप शांत है और एक बाग़ में निष्क्रिय खड़ी है। अब यह केवल दर्शनीय वस्तु है। चिड़िया इस पर अपना घोंसला बना रही है तथा बच्चे खेल रहे हैं।
3. कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है?
उत्तर
कंपनी बाग में रखी तोप हमें सिख देती है की कोई भी कितना ही ताकतवर क्यों न हो लेकिन एक दिन उसे शांत होना पड़ता है। इसके अलावा यह हमें अंग्रेज़ों के शोषण और अत्याचारों की याद दिलाती है और बतलाती है की सुरक्षा और हितों के प्रति सचेत रहें। यह हमारे उन तमाम शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने तथा उनके उनके बताए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
4.कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौन-से होंगे?
उत्तर
भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक चिह्न दो बड़े त्योहार 15 अगस्त और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस है। इन दोनों अवसरों पर तोप को चमकाकर कंपनी बाग को सजाया जाता है।
(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए -
1. अब तो बहरहालछोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप।
उत्तर
इन पंक्तियों में कवि ने तोप की वर्तमान स्थिति को बताया है। 1857 की क्रांति में जिस तोप ने आतंक मचा रखा था वो आज बेबस थी। छोटे-छोटे बच्चे इसकी नाल पर बैठकर घुड़सवारी करते हैं। चिड़ियाँ भी इसपर बैठकर आपस में बातचीत करती हैं।
2. वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोपएक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।
उत्तर
आज कंपनी बाग़ का तोप विनाश करने लायक नही है। चिड़ियाँ और गौरये उसपर बैठकर फुदकती रहती हैं। इससे यह पता चलता है कि कोई भी कितना भी मजबूत और क्रूर क्यों न हो एक दिन उसे झुकना पड़ता है।
3. उड़ा दिए थे मैंनेअच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे।
उत्तर
इन पंक्तियों में तोप ने अपनी गाथा को सुनाया है। वह बता रहा है की 1857 की क्रांति की सामने उसने अपने आगे किसी की नही सुनी थी। उसने कई वीरों की नींद सुला दिया था।